अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शनिवार, 12 मई 2012
रूबाइ
6
मोनक बगीया के कोरल त' जाइ छै
छै दर्द कतबो पर जीयल त' जाइ छै
पाथर दिल कहि फेकलौँ दिलके बाहर
मंदिर मे पाथरे पूजल त' जाइ छै
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