बुधवार, 2 मई 2012

गजलक इस्कूल भाग-38

गजलक एकटा मिसरा (पाँति) दए रहल छी। जे केओ गोटे पूरा करताह। हुनका इ पाँति रचनाक रूपमे सौंपि देल जेतन्हि। इ पाँति एना अछि---------

उठलै करेजामे दरदिया हो राम

दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ+ दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ+ दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व

बहरे सरीअ
· · · 14 April at 14:54

    • Madhupnath Jha सुन्दर।
      14 April at 16:39 · · 1

    • जगदानन्द झा 'मनु' उठलै करेजामे दरदिया हो राम
      भेलै पिया जुल्मी बहरिया हो राम
      14 April at 17:25 · · 1

    • जगदानन्द झा 'मनु' साउन बितल जाए, सुहावन मन सुखल
      पियु बिन सुतब कोना करटिया हो राम
      14 April at 17:44 · · 2

    • Chandramani Jha चान पर घोघक बदरिया हो राम ।
      14 April at 18:24 · · 1

    • Amit Mishra sundar panti
      14 April at 19:03 via Mobile · · 1

    • Ashish AnchinharChandramani Jha-----neek panti achi... muda upra bahrme nahi achi...anhak je bahr achi se... bhel 2122-2122-221.... anha san agarh je ehi bahr par poora panti likhoo... ee hamr aagarh achi...

    • Ashish Anchinhar jagda nand ji----bhai kane uprka bahr par ek ber pher dhaeyan debaik...

    • Amit Mishra गजल

      उठलै करेजा मे दरदिया हो राम
      बदलल पिया के जे नजरिया हो राम

      डूबा क' नेहक ताल मे संगे संग
      लेलक बदलि अपने डगरिया हो राम

      मधुमास लागै आब सौतिन हरजाइ
      बेचैन केलक बड अन्हरिया हो राम

      छै फूल पसरल सेज काटै सब अंग
      गरमी द' रहलै यै चदरिया हो राम

      कोना क' सम्हारब समझ मे नै ऐल
      बड "अमित" तड़पाबै बदरिया हो राम

      2212-2212-2221
      बहरे- सरीअ

      अमित मिश्र

    • जगदानन्द झा 'मनु' भेलै पिया जुल्मी बहरिया हो राम

      साउन बितल जाए, सुहावन मन सुखल
      पियु बिन सुतब कोना करटिया हो राम

      तिनु पांति में वर्ण आ हिरजय गलती होई से सम्भब छै
      बहर मात्रा क्रम 2212-2212-2221 ठिक हेबा चाही
      जुल्मी ..... में जु कए बाद संयुक्ताक्षर छै तै, हमरा जनैत
      जु कें 2 मनलौं

    • जगदानन्द झा 'मनु' आ नहि त हमरा बुझल ई नियम गलती छैक, ..... जे संयुक्ताक्षर सँ पहिलका ह्रस्व के दीर्घ मानल जे

    • जगदानन्द झा 'मनु' आन कोनो गलती त कृपा निर्देस दिय

    • Ashish Anchinhar जुल्मी बला ठीक अछि

    • Ashish Anchinhar मुदा दोसर शेरकेँ दोसर पाँति देखू जँ कोना ठीक अछि तखन करटिया शब्द हमरा हिसाबसँ गड़बड़ अछि या जँ करटिया ठीक तखन कोना गड़बड़

    • जगदानन्द झा 'मनु' पियु बिन सुतब कोना करटिया हो राम
      पियु बिन सुतब
      2 2 12
      कोना करटि
      22 12
      या हो राम
      2 2 2 1

    • Chandan Jha ‎"कोना करटिया"क अर्थ स्पष्ट नहि भ' रहल अछि "कोन करटिया" हेबाक चाही

    • जगदानन्द झा 'मनु' कोना aa कोन me bahut antar chhai

    • Chandan Jha Jee E duhuk alag-alag arth acchi aa' karatiya sange kona ke bhav hamara nahi bujhba me aabi rahal acchi

    • Chandan Jha yadi Pharichha deb ta' neek

    • जगदानन्द झा 'मनु' पियु बिन सुतब कोना करटिया हो राम
      एही में नायका प्रधान भाव छैक, पियु यानि पत्ती
      बिना पियु कए नायका कोना क सुतति,
      करटिया = सुतक एकटा रूप, करथ
      करथ में सुतय हेतु नायक नायका दुनु कए हेबाक चाहि
      दुनु कए करथ मय आलिंगन
      असगर कोना ? असम्भब

    • Ashish Anchinhar चन्दन जीसँ हम बिल्कुल सहमत छी

    • Ashish Anchinhar जहाँ धरि करटियाकेँ सवाल छै ओ तँ हेबे करतै चाहे पिया रहथिन्ह वा्नै रहथिन्ह

    • जगदानन्द झा 'मनु' उठलै करेजामे दरदिया हो राम
      भेलै पिया जुल्मी बहरिया हो राम

      कुक कोइली कें सुनि हिया सिहरल हमर
      आँखिसँ बहे नोरक टघरिया हो राम

      साउन बितल जाए, सुहावन मन सुखल
      एलै पिया कें नै कहरिया हो राम

      जरलै हमर जीवन बिना स्नेहक आगि
      लागल हमर सुख में वदरिया हो राम

      जीवन हमर बनलै बिना तेलक बाति
      कोना जरत मोनक बिजुरिया हो राम
      Monday at 11:08 · · 1

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों