शनिवार, 14 जुलाई 2012

रूबाइ


रूबाइ-111 
प्रेमसँ भरल नाह मजधारे भासै छै
सोचल बात सब कोसो दूर भागै छै
इच्छा प्रेमीक त' पूर्ण नै होइ कखनो
तेँए एहि मे आखर अढ़ाइ रहै छै

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों