गुरुवार, 12 जुलाई 2012

गजल

गजल-६२
अहाँ सं कतेक प्रेम अछि हमरा हम बताऊ कोना
करेज अप्पन चिर सजनी प्रेम हम देखाऊ कोना

अहाँ विनु गोरी करेज हमर कराहि रहल अछि
कोना कोना हम रहैत छि ब्यथा सभटा सुनाऊ कोना

नीन नै अबैय गोरी स्वप्न में हम अहिं के देखैत छि
अहाँ केर सुन्दर छवी नयन सं हम हटाऊ कोना

अहाँक स्नेह मोन पडैय जागी जागी राईत बितैय
अहाँक प्रेम में भेल बताह दिल केर मनाऊ कोना

बड मुश्किल सं बितैय सजनी हमर राईत दिन
साँस साँस में अहिं छि अहाँक विनु दिल लगाऊ कोना

वर्ण-२०
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों