शनिवार, 14 जुलाई 2012

गजल

दर्दक छोर नै भेटै कतौ हमरा तs
आँखिक नोर नै रूकै कतौ हमरा तs

जेठक रौद झड़काबै मनक विश्वास
विरहक जेठ नै छोड़ै कतौ हमरा तs

कैक्टस गड़ल छल हमरा समय समयपर
फूलो आब जख्मे दै कतौ हमरा तs

टूटैए पहाड़ो खसल पाथर बहुत
शोणित माथ के फोड़ै कतौ हमरा तs

हँसलै लोक देखाबा करै नोरक तs
"अमितक" घेट के घोटै कतौ हमरा तs

मफऊलातु

2221तीन बेर


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों