प्रस्तुत अछि प्रशांत मैथिल जीक ई बाल गजल
शब्दक मूर्त्ती गढ'क चाही
खूब मोन स पढ'क चाही
हमही अयाचीक शंकर
इतिहास के रच'क चाही
थैआ डेगा डेगी लऽरे लऽरे
खसि उठिक बढ'क चाही
नञि बाँचल फुनगी डारि
आ चान पर चढ'क चाही
कनिञा पुतरा साम चको
नाम भारती मढ'क चाही
वर्ण-१०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें