पढ़तै लिखतै बौआ डाँक्टर बनतै
गामे गामे सबहक सेबा करतै
रोगसँ लड़तै रोगी हँसतै गेतै
एकर नामसँ सबटा रोगो डरतै
अपनो बोखारक चिन्ता नै करतै
फर्जी डाँक्टर के चोरी नै चलतै
नामी लोकक किछु कहलो नै करतै
कमजोरो के ओ भैयारी बुझतै
टाका के लोभी कहियो नै बनतै
आशीर्वादे टा के इच्छा रहतै
मिथिला माँ के मैथिल बेटा छी ने
संकट हटतै दुश्मन संगे लड़तै
दस टा दीर्घ सब पाँति मे
गामे गामे सबहक सेबा करतै
रोगसँ लड़तै रोगी हँसतै गेतै
एकर नामसँ सबटा रोगो डरतै
अपनो बोखारक चिन्ता नै करतै
फर्जी डाँक्टर के चोरी नै चलतै
नामी लोकक किछु कहलो नै करतै
कमजोरो के ओ भैयारी बुझतै
टाका के लोभी कहियो नै बनतै
आशीर्वादे टा के इच्छा रहतै
मिथिला माँ के मैथिल बेटा छी ने
संकट हटतै दुश्मन संगे लड़तै
दस टा दीर्घ सब पाँति मे
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