बाल गजल
भोरे उठि मैदान गेलै बौआ
ओम्हरहिसँ दतमनि तँ लेतै बौआ
पोखरिमे नीकसँ नहेतै धोतै
चिक्कन चुनमुन बनि क' एतै बौआ
सरिएतै पोथी पहिरतै अंगा
इस्कूलो खुब्बे तँ जेतै बौआ
नै रखतै दोस्ती खरापक संगे
पढ़ि बड़का डाक्टर तँ बनतै बौआ
सभहँक करतै मदति सोना बेटा
सदिखन नीके बाट चलतै बौआ
हरेक पाँतिमे दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ
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