मंगलवार, 10 जुलाई 2012

गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक ( बाल गजलक लेल ) पहिल चरण बर्ख-2012 ( मास जून लेल )

हमरा इ सूचित करैत बड्ड नीक लागि रहल अछि जे " अनचिन्हार आखर"द्वारा स्थापित " गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक ( बाल गजलक लेल ) पहिल चरण बर्ख-2012 ( मास जून लेल ) पूरा भए गेल अछि। मास जून लेल चंदन झा जीक एहि रचना के चयन कएल गेलैन्हि अछि। हुनका बधाइ।







बाल-गजल

भैया के नबका बुशर्ट आ हमरा दीदी के फेरन
ओ'तऽ सौंसे गाम घूमै छौ हमरा अंगनो मे बेढ़न



चूल्हा-चेकी,बर्तन-बासन, आगाँ से नैकरबौ हम
हमरो चाही कापी-पिल्सिन, बेटा के देलहीजेहन


बौआ छुच्छे छाल्हि खेतौ हमरा नै दूधो परपइठ
जौँ नै करबौ टहल तखन लगतौ मोन केहन


बहुत सहलियौ आब नै चलतौ तोहर दूनेती
हमरो चाही बखरा आब नै चलतौ कलछप्पन


गै माय युग बदलि गेलैए बेटी नै बेटा से कम
"चंदन"गमकैत भविष्य रचबै हमहूँ अपन


---------------वर्ण-१९---------------

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों