अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
मुखपृष्ठ
अनचिन्हार आखरक परिचय
गजल शास्त्र आलेख
हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
भजनपर गजलक प्रभाव
अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
समीक्षा/आलोचना/समालोचना
गजल सम्मान
गजलकार परिचय शृखंला
गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
विश्व गजलकार परिचय शृखंला
छंद शास्त्र
कापीराइट सूचना
अपने एना अपने मूँह
गजलक इस्कूल
गजलकार
अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
आन-लाइन मोशायरा
आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
Maithili Ghazal Books Download
शेर जे सभ दिन शेर रहतै
मंगलवार, 31 जुलाई 2012
रूबाइ
वर्षा मे हँसि हँसि क' जतबे भीजै छी
प्रकृति के अहाँ त' ओतबे जड़ाबै छी
बूनक भाग बुझियौ आइ चमकि गेलै
आँजुर मे ल' क' देहपर छिरियाबै छी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें