कारी मेघ नव उमेदक भोर केलक
कोमा पड़ल मनुख जेना सोर केलक
उधियाइत पवन सटै देहसँ त' लागै
आनत पत्र पाहुनक तेँ शोर केलक
जनता लाख झूठ अश्वासनसँ बेदम
देशक लेल मेहनत जी तोड़ केलक
मोनक मैल नै करै छै साफ गंगा
कारी चाम पोति पौडर गोर केलक
दोस्ती मात्र लेन देनक लेल एखन
पार्टी आ चुमाउनक सब जोड़ केलक
प्रेमक सजल नव उमेदक खंडहर जत'
ओतै "अमित" गजल नोरे नोर केलक
मफऊलातु-फाइलातुन-फाइलातुन
2221-2122-2122
अमित मिश्र
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