गदहराज धन्य छी दियS सदबुद्धि हमरो अहाँ
उपर लदने बोझ नै आँखि देखाबी ककरो अहाँ
धियान मग्न रहि मधुर तान ढेंचू-ढेंचू करै छी
मन्त्र जनैत छी शास्त्रीय गायन कए सगरो अहाँ
मनुख पबैत सम्मान विशेष नाम अहीँक ल ' क '
बिन आपति बर्दास्त करी नहि करी झगरो अहाँ
स्वर्ग गेलौं लागले छान ई कथा जगजाहिर अछि
करु पैरबी कनी हमर बियाहक जोगरो अहाँ
गृहस्थक जुआ कान पर 'मनु' खटब आब कोना
दिय ' गदहपन जँ बुझलौं अपन हमरो अहाँ
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१९)
जगदानन्द झा 'मनु'
उपर लदने बोझ नै आँखि देखाबी ककरो अहाँ
धियान मग्न रहि मधुर तान ढेंचू-ढेंचू करै छी
मन्त्र जनैत छी शास्त्रीय गायन कए सगरो अहाँ
मनुख पबैत सम्मान विशेष नाम अहीँक ल ' क '
बिन आपति बर्दास्त करी नहि करी झगरो अहाँ
स्वर्ग गेलौं लागले छान ई कथा जगजाहिर अछि
करु पैरबी कनी हमर बियाहक जोगरो अहाँ
गृहस्थक जुआ कान पर 'मनु' खटब आब कोना
दिय ' गदहपन जँ बुझलौं अपन हमरो अहाँ
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१९)
जगदानन्द झा 'मनु'
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