शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

गजल



बिनु पानिक नाउ चलाएब हम
बिनु चक्काक गाडी बनाएब हम

हमर मोन में तँ जेँ किछु आएत
बिन सोचने सभ सुनाएब हम

अपन ब्याह में हम नहि जाएब
सराध दिन बजा बजाएब हम

कनियाँ केँ लय ओकर नैहर सँ
सासुर सँ खूब कतियाएब हम

'मनु' मन चंचल टोनए सभकेँ
केकरो हाथ नै घुरि आएब हम

(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१३)
जगदानन्द झा 'मनु'

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों