रविवार, 29 जुलाई 2012

गजल

बाल गजल-९

इसकुल के बस्ता छै भारी हम नञि टंगबौ टांगै तू
पाइनक थर्मस हमरा चाही सुन भैया नै मांगै तू

मोरक चित्र बनाकऽ आनऽ देलथि हमरा मैडम जी
माँ फोटो तू पाड़ि दे लेकिन सुन ओकरा नै रांगै तू

छिट्टा तर जे धैल नुकाकऽ भनसा घर गमकलै माँ
संग सोहारी पाकल कोआ खेबय कटहर भांगै तू

ओलतीके काते-काते हम ठाढि गुलाबक रोपने छी
ओरियाकऽ धान पसारय माँ गाछ नै फूलक धांगै तू

"नवल" छोट नञि आब ओते काज अढा किछ हमरो
हमरा हाथ पघरिया दऽ दे माँ जारणि नञि पांगै तू

 

*आखर-२० (तिथि :२७.०७.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों