शनिवार, 14 जुलाई 2012

गजल

कते दी टी आर पी नेहक प्रोग्रामक कहू ने
छलैए छल* मात्र केलौँ किए ई नाटक कहू ने

छपल छल फोटो अहाँ के करेजक नव कैमरा मे
गड़ल सबटा राज कागतक पसरल राखक कहू ने

जखन हँसतै हमर जिनगीक साँसो नोरपर हमरे
तखन पूछब हाल सबटा अहाँ के बाटक कहू ने

बजारक छै भाव गरमे मुदा नेहक बहुत कम छै
किए नेहक कूंड मे ढारलौँ घी विरहक कहू ने

सगर हाथो के मिलेनाइ बिन बातक ठीक नै छै
"अमित" के की करत ठेकान कोनो मनुखक कहू ने

मफाईलुन-फाइलातुन
1222 - 2122 दू बेर 
बहरे मजरिअ 

*छल कपट

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों