सोमवार, 30 जुलाई 2012

गजल






बाल-गजल-११

चिक्का कबड्डी खेलबइ खेत पथार मे

हमर नाह चलतइ ओलती धार मे


इसकुल सँ जखन घुमबइ साँझ मे

बाबा संग मे घुमबइ धारक पार मे


आमक गाछी खोपड़ी तर मचान पर

काका संगे हमहुँ बैसबै रखबार मे


गीजल-गाँथल हम नहि खेबौ बाटी मे

माय गै हमरो साँठि के दहीन थार मे


मुरही कचरी झिल्ली खेतै छैक सेहन्ता

"चंदन"तैँ छैक लोढ़हा लोढ़ैत नार मे

----------वर्ण-१५---------------

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों