शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

गजल



दौरू कक्का दौरू काकी
देखू बौआ छीनै बाटी

दाँतो काटै केशो घीचै
मारै छै लेने ओ लाठी

चिन्नी लेतै चूरा लेतै
छाली लेए माँगै चाभी

दीदी छी तोरे रौ बौआ
तोरे लेए कीनै राखी

कोरा मे तूँ शोभै छेँ रौ
मानेँ खेबै संगे रोटी

आठ टा दीर्घ सब पाँति मे

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों