बाल गजल
बौआ पानि बरसै कखन
फाटै जखन मेघक वसन
नाचै मोर बजबै ढोल
गाबै कोइली नव भजन
हरियर गाछ फूलाएत
देता रौद दिनकर जखन
खरहा तखन जीतत दौड़
आलस छोड़ि काजे मगन
छै एरोपलेनक आश
पढ़ि लिख लिअ त' चानो अपन
धरती के बसेलनि राम
भोरे भोर करियौ नमन
आँङुर पकड़ि बढ़बै डेग
राखू "अमित" खुजले नयन
मफऊलातु{2221} दू बेर सब पाँतिमे
अमित मिश्र
बौआ पानि बरसै कखन
फाटै जखन मेघक वसन
नाचै मोर बजबै ढोल
गाबै कोइली नव भजन
हरियर गाछ फूलाएत
देता रौद दिनकर जखन
खरहा तखन जीतत दौड़
आलस छोड़ि काजे मगन
छै एरोपलेनक आश
पढ़ि लिख लिअ त' चानो अपन
धरती के बसेलनि राम
भोरे भोर करियौ नमन
आँङुर पकड़ि बढ़बै डेग
राखू "अमित" खुजले नयन
मफऊलातु{2221} दू बेर सब पाँतिमे
अमित मिश्र
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