नेह सागरमे किनारा जँ नै हेतै
संग भरि जीवनक चिन्ता जँ नै हेतै
सात जनमक बनल बंधन त' नै टूटत
डोर विश्वासक इ आधा जँ नै हेतै
हाल हमरा सनक ककरो त' नै हेतै
फेर आँखिक ओ इशारा जँ नै हेतै
भीड़ लोकक नै बढ़त मरत नै बेटी
श्राद्ध के अधिकार बेटा जँ नै हेतै
चाह ककरो तम अन्हारक त' नै रहितै
राति मे लाखौँ सितारा जँ नै हेतै
हमर नोरक गजक नै ठोर पर सजतै
पत्र नेहक "अमित" सादा जँ नै हेतै
फाइलातुन-फाइलातुन-मफाईलुन
2122-2122-1222
बहरे-- कलीब
अमित मिश्र
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