प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक रुबाइ
उमरे वर्षक संग बढ़ि जुआइ छै
नजरि सोंझा-सोंझी भए क' लजाइ छै
प्रेमक भाव जे नै पढ़ि पाबै अछि
तखन बुझू जे ओ हृदैसँ कसाइ अछि
प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक रुबाइ
उमरे वर्षक संग बढ़ि जुआइ छै
नजरि सोंझा-सोंझी भए क' लजाइ छै
प्रेमक भाव जे नै पढ़ि पाबै अछि
तखन बुझू जे ओ हृदैसँ कसाइ अछि
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