किछु बात एहन भेल छै
घर घर त' रावण भेल छै
बम फोड़ि छाउर देश छै
जड़ि देह जाड़न भेल छै
प्रिय नै विरह जनमै बहुत
सजि दर्द गायन भेल छै
जिनगी भ' गेल महग कते
झड़कैत सावन भेल छै
दस बात सूनब की "अमित"
सब ठाम गंजन भेल छै
मुतफाइलुन
11212 दू बेर
बहरे -कामिल
अमित मिश्र
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