गुरुवार, 1 मार्च 2012

गजलक इस्कूल भाग-6


गजलक एकटा पाँति दए रहल छी। जे केओ गोटे साँझ ७ बजे धरि पूरा करताह। हुनका इ पाँति रचनाक रूपमे सौंपि देल जेतन्हि। इ पाँति एना अछि-----

मनबै छी पूजा सरस्वतीक बुद्धि बिसारि कए

सरल वार्णिक बहर----१८ अक्षर
· · · 28 January at 14:26

    • डॉ॰ शशिधर कुमर छौंरी - पर एतेक रास गजल । माए पर एकहु टा नहि ?

    • Ashish Anchinhar Shashidhar ji sabhak samay aabai chai.ona besi neek rahat je post jahi vishay par chaik tipapni seho ohi vishay par dee tan neek.

    • Ashish Anchinhar Ki upar ke post prem par chaik

    • Sunil Kumar Pawan DR. SAHEB ~ SAB GEEK GAZAL KIKHINAHAR BANENAHAR SA KAHAIT CHHATHI...
      BAT HUNAK SATYA VACHAN ACHHI~~~~~~~~~~
      TAKHAN TA SAMAY SOCHA SABAHAK EKARANG EK SAMAY PAR NAI RAHAIT ACHHI....ASHISH BHAI.

    • डॉ॰ शशिधर कुमर

      Ashish Anchinhar JI , व्यक्तिगत लेबाक कोनो कारण नहि ।

      पहिल बात तऽ गजल केवल अहीं टा नञि लिखै छी आ ई उत्तर अहाँ केँ नञि देबाक चाही । ई तऽ हुनिका लोकनि केँ देबाक चाही जे "छौंरी" पर गजल लिखने रहथि - within a few seconds.

      दोसर बात पहिनहु आ एखनहु अहाँ प्रस्तावक छी - नीचा केर कमेण्ट बाकी गजलकार लेल छोड़ल गेल अछि ।

      एहिना स्थिति मे के ओ सहजहि ई प्रश्न पूछि सकैत अछि - जे हम पुछलहुँ ।

      रहल हमर बात तऽ कोनो चीज पब्लिक डोमेन मे पोस्ट कयला पर हमरहु भाँति - भाँति केर कमेण्ट अबैत अछि ।

    • Ashish Anchinhar Pahil gapp je chauri par gajal likhnai apradh nai chaik. Dosar gapp je ee saty je khali hamahi ta gajal nahi likhait chi. Tesar gapp je kono post par kono tippani de sakai chaith dikakat nahi muda jakhan kono vicharsheel lok vishay san hati tippni day rahal chathi takhan dikakt hoit chaik

    • Prabhat Ray Bhatt Uyfm sarvpratham e baat bujhiliy je "geet, gazal aar sangeet ekar mulsrot achhi srishti,nari aar preet" taehetu chhauri seho nariye achhi ne .

    • डॉ॰ शशिधर कुमर ‎.

      माफ कयल जाए , हम ई नञि कहल जे छौंरी पर गजल लिखब अपरध छै । ई अपने लोकनिक विचार थिक हम नञि ।

      हम म एतबहि कहल कि "छौंरी - पर एतेक रास गजल । माए पर एकहु टा नहि ?"।

      कने फेर सँ पढ़ल जाओ आ कतऽ अहाँ सभ जे बाजि रहल छी से ध्वनित होइत अछि से बतएबाक कष्ट कएल जाओ ।

    • ShantiLakshmi Choudhary मनबै छी पूजा सरस्वतीक बुद्धि बिसारि कए
      मेहनैतक बोनि देति मैया हाथ नमारि कए

      शेष बाद मे......
      (बड्ड देर स मेल देखलहु)

    • डॉ॰ शशिधर कुमर

      संगीत शास्त्र, ओकर मूल स्रोत आ नव रस हमरो बूझल अछि । आ हम अपनो लिखैत छी । पर हमर प्रश्न से नञि छल ।

      काल्हि ७ बजे साँझ केर समय देल गेल छल - पर आइ दुपहरिया धरि एको पाँती नञि छल - तेँ लिखलहुँ हम । की गलत लिखलहुँ से कृपा कऽ कऽ बताओल जाए ।

    • डॉ॰ शशिधर कुमर ‎.

      Ashish Anchinhar.................vishay san hati tippni day rahal chathi takhan dikakt hoit chaik.

      भाइ, विषय सँ हटि कऽ टिप्पणी नञि थिक - काल्हि ७ बजे साँझ केर समय देल गेल छल - पर आइ दुपहरिया धरि एको पाँती नञि छल - तेँ लिखलहुँ हम ।

      हम कोनो गजलकार तऽ छी नञि जे गजल लीखि पोस्ट करितहु ।

    • Ashish Anchinhar Shashidhar ji jaroori nahi chaik je, je chauri par gajal likhat se sarsawati par likhat.janha dhari hamar prastav ke gapp chaik ham vibhinan vishay dait chiyaik aa harek lekhak aapana ruchi hisabe prayog karait chathi

    • डॉ॰ शशिधर कुमर

      Ashish Anchinhar जी,

      हम एतबहि कहल कि "छौंरी - पर एतेक रास गजल । माए पर एकहु टा नहि ?"।

      कृपया कने फेर सँ पढ़ल जाओ ।

    • Ashish Anchinhar Samay matra sanketik achi. Lok doo din san pooja me vayasat hetah.

    • ShantiLakshmi Choudhary मनबै छी पूजा सरस्वतीक बुद्धि बिसारि कए
      मेहनैतक बोनि देति मैया हाथ नमारि कए

      नै चाहि कारी अन्न धन नै चाहि महल अटारी
      सदबुद्धिक वर माँगै छी आँचर बिथारि कए

      जाथि अंधकार सँ ज्ञानक प्रकाश मे सभ कियो
      पाछु नै हुअ दियौ आब नर कए की नारि कए

      शेष बाद मे......
      (बड्ड देर स मेल देखलहु)

    • Ashish Anchinhar Ham harek gajalkar san aagarh karait chi je o aapan ruchi ke hisabe gajal likhathi.je sringar ras me manjal chathi o koothi kay bhakti rachana nahi likhathi

    • डॉ॰ शशिधर कुमर ‎.

      छौंरी खराब शब्द छै - से हम नञि कहल ।

      छौंरी पर गजल वा गीत नञि लिकल जा सकैत छै - सेहो हम नञि कहल । हम अपनहु लिखैत छी ।

      हमर प्रश्न बड़ सोझ - साझ छल कि "छौंरी - पर एतेक रास गजल । माए पर एकहु टा नहि ?"।

      हमर प्रश्नक उत्तर सिर्फ श्रीमती शान्तिलक्ष्मी जी टा देलन्हि - देल गेल शिर्षक पर गजल लीखि कऽ ।

      बाकी सुविज्ञ लोकनिक उपरोक्त कोनो टिप्पणी हमर प्रश्नक उत्तर नहि ।

      धन्यवाद श्रीमती शान्तिलक्ष्मी जी ।

    • Akshay Kumar Choudhary क्षमाप्रार्थी जे हम किछ अनर्गल कहैत होइ तँ...!!!!!
      मैथिली भाषा मे छौड़ी" शब्दक प्रयोग मे सावधानी राखैय के प्रबीनजीक विचार सँ हमहु सहमति छी. दिल्ली हरियाणा मे प्रयुक्त "छोरी" आ मिथिलाक "छौड़ी" शब्दक कोनोटेशनल मीनिंग मे बड्ड अंतर छै. जाट लोकनि छोरी शब्दक प्रयोग बेटीक अर्थ स्नेह आ सम्मानक संग करैत छथि. मुदा अपना मैथिला मे छौड़ी शब्दक प्रयोग जोन-बोनिहारिक बेटी, विरोधीक आकि दुश्मनक बेटी, यौन कर्मी, आदि लेल करैत छ्थी. एहि मे कतौ सामंतवादी अहंकार, कतौ दुश्मनक प्रति घृणा आ कत्तौ सामाजिक मुल्य टुटवाक प्रति आक्रोश छै. हाँ कखनो कखनो माय-बाप सेहो तामस मे अपन छोट छोट बच्चा केँ ’हे गे छौड़ी’ कहि दमकावैत छथिन. जेना- हे गे छौड़ी बदमासी कियै करैत छिही? हे गे, के छिये गे छौड़ी सभ, के साग तोड़य छै? हे ओकर जे बेटी छै छौड़ी भरि दिन छौड़ा सभहक संग चिरौरी करैत रहैत छै. आदि वाक्य- मिथिला मे बड्ड प्रयोग होइत छैक. हम मिथिला मे कहियो अपन बहिन, अपन बेटी आकि अपन निकट संबंधी के अह्लाद सँ, कि ससम्मान, कि इज्जत देखवै लेल छौड़ी शब्दक प्रयोग करैत नहि देखलियैक. प्रबीणजीक इएहो गप्प विचारणीय जे कोनो पैघ मैथिली साहित्यकार लोकनि सेहो अपन प्रेमिका, आकि अन्य जनि-जाति/महिला लोकनि/औरत वर्गक लेल छौड़ी शब्दक प्रयोग कयनै छथि. ई हमर अपन विचार. मुदा हम एहि विचार सँ कहियौ सहमति नहि छी जे वैचारिक स्वतंत्रताक लेल कियो ककरो इष्यालु प्रवृतिक आकि दोसर सँ जड़ै वला, आकि साहित्य केँ दुषित करै वला कहि व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप परंपरा शुरु करताह. मीठ बाजनाइ मैथिल आ मैथिली भाषाक आत्मा छियैक. सभ गोटय एकर आत्मा केँ जीवित राखैक कोशीश करियौ.वहसक किछ सार्थक प्रतिफल भेटय सैह नीक

    • मिहिर झा Shashidhar ji, ee post shani din late se post kayel gel chhal. shani aa ravi chhuttee rahabaak karan sab log face book par nahi aayal hetah. tHIS MAY BE THE REASON FOR LATE/NON RESPONSE.

    • मिहिर झा मनबै छी पूजा सरस्वतीक बुद्धि बिसारि कए
      देवियो आशीर्वाद दैत छथि बुद्धि बिसारि कए

    • Ashish Anchinhar एक बेर फेर हमर आग्रह जे हड़बड़ा कए केओ गोटे गजल नै लिखथि। केओ स्टाम्प पेपर पर नै लिखने छथतिन्ह जे जँ सरस्वती पर गजल नै लिखब तँ कान्ट्रेक्ट टूटि जाएत। आ ने इहो कोनो गप्प छै जे सरस्वती पर गजल लिखिए देबै तँ फल्लाँ रुपैआ केँ मोटा दए देत। जनिका जे रुचि पर आबैन्ह से ताहि विषय पर गजल लिखबाक लेल फ्री छथि। अक्षय जीक गप्पसँ हम, सहमत छी।.....

    • डॉ॰ शशिधर कुमर

      क्षमा करब अनचिन्हार जी । पर अहाँ कमेण्ट केर अर्थ गलत दिशा मे नेने जा रहल छी ।

      हमर कमेण्ट दस लोक केँ देखाउ - जँ ओ ई कहि देथि कि अहाँ केर लगाओल अर्थ हमर कमेण्ट मे अभिप्रेत छल तऽ आगा सँ हम एहि तरहक कोनो पोस्ट पर कमेण्ट केनाइ छोड़ि देब ।

      सीधा कहि रहल छी जे अहाँ हमर कमेण्ट केर गलत मतलब लेल अछि । आ महाकवि विद्यापतिक श्रृंगार रस केर कविता क अर्थ बताउ सँ अहाँ की प्रूफ करय चाहैत छी ???

      अहाँ केँ या अनका ककरो हम मना नहि कयल अछि जे श्रृंगार रस मे कविता, गीत वा गजल नञि लीखू । हम अपनहु लिखने छी – विदेह मे प्रकाशित अछि आ हमर ब्लॉग पर सेहो अछि – देखिसकैत छी (रे नोर धन्य जिनगी तोहर आदि) ।

      आओर बाकी सभ लोक सँ कहय चाहैत छियन्हि जे जँ किनको बहत बेशी ईगो – प्रॉब्लेम होन्हि तऽ कृपया ओ पब्लिक साइट पर कमेण्टक लेल पोस्ट नञि करथु ।

      आओर आगा सँ अहाँक कोनहु पोस्ट पर हम कोनहु कमेण्ट नञि कऽ रहल छी । धन्यवाद ।

    • डॉ॰ शशिधर कुमर अहाँ केँ अहँक रास्ता मुबारक आ हमरा हमर । शुभ विदा ।



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