गुरुवार, 29 मार्च 2012

गजल

‎घोघ हुनकर उतरि गेलै .
पवन संगे ससरि गेलै ,
आँखि रहि गेलै खुजल यौ ,
रूप यौवन निखरि गेलै ,
टोह मे छल मोन बगुला ,
राशि सुन्नर उचरि गेलै ,
चउरचन मे चान पूजब ,
पावइन सब बिसरि गेलै ,
जेठ मे मधुमास एलै ,
गाछ नव दिल मजरि गेलै ,
मधुप केलक आक्रमण बड
काम मे सब लचरि गेलै ,
अंशु आशक झाँपि लेलनि ,
कुकुर पर जे नजरि गेलै ,
पाप भेलै ,घोघ ससरल ,
"अमित " के मन हहरि गेलै . . . । ।
फाइलातुन
{2 -1-2-2}
बहरे-रमल
अमित मिश्र

1 टिप्पणी:

  1. Ashish Anchinhar
    bahut neek

    मिहिर झा
    wah

    Om Prakash Jha
    Bahre Ramal me neek gajal.

    Amit Mishra
    dhanyawad

    Pankaj Chaudhary
    neek rachna...

    Rajeev Ranjan Mishra
    bahut sunnar!!!

    जगदानन्द झा 'मनु'
    badd nik gajal

    Amit Mishra
    rajiv ji ,pankaj ji , manu ji , bahut dhanyawad

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों