शुक्रवार, 23 मार्च 2012

गजल

टूटिए जेतै संबंध जँ दस लेल एक सँ , इहो स्वीकार अछि ,
भीड़ मे जीबै छी तेँ भीड़ के बचेनाइ हमर अछिकार अछि ,
हम बनियाँ छी सए कमा लेब , दस छुटि गेल कोनो दुख नै ,
सबल त' बढ़बे करतै ओकरा संग दिअ जे लचार अछि ,
माछक लोभ मे सड़ल माछ ल दुषित नै करब समाज के .
एक दाम मे बिकै बला ककरो जिनगी नै मीना बजार अछि ,
सब के सब सँ किछु-ने- किछु चाहत रहै छै छोट बाट पर ,
अहाँ एक बेर आबू हम दस बेर , इ हमर व्यबहार अछि ,
लड़ाइ क' देह जुनि तोड़ै जाउ , प्रेम क' दिल धरि पहुँचु यौ ,
"अमित" गिनती के फेरा मे नै पड़ू , सगरो अपने संसार अछि . . . । ।
वर्ण-23
अमित मिश्र

1 टिप्पणी:

  1. Om Prakash Jha
    Neek.


    Prabhat Ray Bhatt Uyfm
    bad neek

    Amit Mishra
    ashish anchinhar jik likhal panti san


    Ashish Anchinhar
    सब के सब सँ किछु-ने- किछु चाहत रहै छै छोट बाट पर ,
    अहाँ एक बेर आबू हम दस बेर , इ हमर व्यबहार अछि ,

    वाहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह..


    Chandan Jha
    हम बनियाँ छी सए कमा लेब , दस छुटि गेल कोनो दुख नै ,
    सबल त' बढ़बे करतै ओकरा संग दिअ जे लचार अछि ,


    जगदानन्द झा 'मनु'
    badd sunner, sarthak gajal achhi

    Amit Mishra
    dhanyawad


    Ajay Thakur Mohan Ji
    sundar amit ji


    Umesh Mandal
    ‎''माछक लोभ मे सड़ल माछ ल दुषित नै करब समाज के .
    एक दाम मे बिकै बला ककरो जिनगी नै मीना बजार अछि'' सुन्‍दर अभि‍व्‍यक्‍ति‍....


    Pankaj Chaudhary
    Neek rachna aichh..!

    Durgesh Kumar Jha
    BAHUT SUNDAR GAJAL

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों