गुरुवार, 15 मार्च 2012

गजल

भेलै इ सरकार आन्हर ,
कानै इ देशो भ' असगर ,
कोना कहब आइ सोना ,
सगरो त' छै भेल गड़बड़ ,
सांसद बनल हाट माछक .
नाचै असल , बनि क' बानर ,
बनलै बजट , लूट मचलै ,
कारी टका ,बनल सागर ,
मरलै कते एत' कोना ,
के करत यौ खोज एकर ,
पोर्नो चलै राज त'र मे ,
लाजे "अमित" रचल आखर . . . । ।
{मुस्तफइलुन-फाइलातुन//I-I-U-I-I-U-I-I}
बहरे-मुजास
अमित मिश्र

1 टिप्पणी:

  1. Om Prakash Jha
    Vaah. Sunnar. Matraa kram durust achhi. Neek laagal.


    Vatsha Chandan
    baar sundar

    Amit Mishra
    dhanyawad sir ji


    डॉ॰ शशिधर कुमर
    नीक समसामयिक गजल ।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों