गुरुवार, 31 जनवरी 2013

गजल

गजल-1.36

खाधि केलापर खाधि दोसर भरै छै
ज्ञान बटलासँ ज्ञान दोबर बढ़ै छै

माँथपर भरिगर बोझ लागैछ बेटी
लगन भेलापर मोन हर्षित रहै छै

पीब लिअ चरणामृत किरानीक एखन
घूस देलापर मगज ओकर चलै छै

बात जे हाथक डिडिरमे छपल एलै
लाख कोशिश केलासँ ने ओ मिटै छै

उझललक गरमे तेल केलक समापन
घावमे शोणित दुश्मनीमे जड़ै छै

2122-2212-2122
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों