गजल-1.36
खाधि केलापर खाधि दोसर भरै छै
ज्ञान बटलासँ ज्ञान दोबर बढ़ै छै
माँथपर भरिगर बोझ लागैछ बेटी
लगन भेलापर मोन हर्षित रहै छै
पीब लिअ चरणामृत किरानीक एखन
घूस देलापर मगज ओकर चलै छै
बात जे हाथक डिडिरमे छपल एलै
लाख कोशिश केलासँ ने ओ मिटै छै
उझललक गरमे तेल केलक समापन
घावमे शोणित दुश्मनीमे जड़ै छै
2122-2212-2122
अमित मिश्र
खाधि केलापर खाधि दोसर भरै छै
ज्ञान बटलासँ ज्ञान दोबर बढ़ै छै
माँथपर भरिगर बोझ लागैछ बेटी
लगन भेलापर मोन हर्षित रहै छै
पीब लिअ चरणामृत किरानीक एखन
घूस देलापर मगज ओकर चलै छै
बात जे हाथक डिडिरमे छपल एलै
लाख कोशिश केलासँ ने ओ मिटै छै
उझललक गरमे तेल केलक समापन
घावमे शोणित दुश्मनीमे जड़ै छै
2122-2212-2122
अमित मिश्र
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