सोमवार, 28 जनवरी 2013

बाल गजल


बाल गजल-२०

संगी सभके संगे लै छी
चल भैया पिकनिक मनबै छी

माँ देतै चिक्कस आ चाउर
बांकी बाबू के कहि दै छी

चुल्हा जारनि बासन आनै
आ सभकिछु मिलिजुलि पकबै छी

तीमन करुगर मिठगर तस्मइ
पूरी आ हलुआ बनबै छी

केरा पातक थारी सुन्नर
तूं सभ बैसै हम परसै छी

"नवलसँ" कहि दे एतै ओहो
झगड़ा-झंझट सभ बिसरै छी

*मात्रा क्रम-आठ टा दीर्घ सभ पांतिमे
(तिथि-१२.०१.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों