सोमवार, 14 जनवरी 2013

बाल गजल

बाल गजल-86

मीत कम तूँ भाइ बेसी
मेल तोरसँ खाइ बेसी

ज्ञान आधा नीक नै छै
पानि कम हेराइ बेसी

भटकि जेबै जतऽ कतौ हम
टोक ओतै भाइ बेसी

थाल कादो खूब पिच्छर
पकड़ आँङुर आइ बेसी

संग चलबै बाध गाछी
तोड़ि इमली खाइ बेसी

बाँटि खेबै राज करबै
ब्रेड कम चुरलाइ बेसी

मोन सदिखन साफ राखब
द्वेष नै जनमाइ बेसी

फाइलातुन
2122 दू बेर सब पाँतिमे
बहरे-रमल

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों