सोमवार, 28 जनवरी 2013

गजल


गजल-४२

सगतरि बखान मिथिला के
महिमा महान मिथिला के

छथि राम सजल बनि दुल्हा
छाती उतान मिथिला के

पाहुनसँ भरल अछि आँगन
दलमल दलान मिथिला के

धूमन गगूल शरबत आ
परसबइ पान मिथिला के

अवधेश देखि गदगद छथि
सभ ओरियान मिथिला के

अरिपन पड़ल सजल डाला
देखब चुमान मिथिला के

आओत "नवल" कोजगरा
बाँटब मखान मिथिला के

वर्ण क्रम: २२१२+१२२२
(तिथि: १२.१२.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों