सोमवार, 14 जनवरी 2013

रुबाइ


रुबाइ-145

पानक पीकसँ खून सन लाल ई ठोर
कठगर दहीक छाल्ही सन तन मन गोर
संस्कारक लेबा तैपर चारि चान सन
स्वर्गे बुझू एतऽ उतरल भोरे भोर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों