सोमवार, 28 जनवरी 2013

गजल


गजल-४३

सगतरि बखान मिथिला के
महिमा महान मिथिला के

युग-युगसँ छै जनक नगरी
गौरव पुरान मिथिला के

गंगासँ अछि हिमालय धरि
पसरल सिमान मिथिला के

रखने सहेज आँचरि मे
कमला बलान मिथिला के

चन्दा प्रदीप यात्री
चमकैत चान मिथिला के

मंडन कणाद विद्यापति
संतति महान मिथिला के

गाथा गबै करै वंदन
वेदो-पुराण मिथिला के

परसै सनेश सदभावक
कीर्तन अजान मिथिला के

शत-शत नमन "नवल" करियौ
माए समान मिथिला के

वर्ण क्रम: २२१२+१२२२
(तिथि: १२.१२.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)

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