रुबाइ-153
ज्वालामे अहाँक जड़ि जेबाक मन होइछ
कारी नैनमे गड़ि जेबाक मन होइछ
बस एक्कै बेर मीठ बोली सूनितौंह
आ तखने हँसति मरि जेबाक मन होइछ
ज्वालामे अहाँक जड़ि जेबाक मन होइछ
कारी नैनमे गड़ि जेबाक मन होइछ
बस एक्कै बेर मीठ बोली सूनितौंह
आ तखने हँसति मरि जेबाक मन होइछ
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