बाल गजल-२३
चार पर कुचरैत कौआ
सभ सनेशा दैत कौआ
टाट पर बैसल त' कखनो
मेघमे उमकैत कौआ
ताकि गोपी लोल मारै
गाछ पर फुद्कैत कौआ
काग दस टा मूस एगो
ताहि लै झगड़ैत कौआ
छीन हाथक सभ जिलेबी
उड़ल पुनि बहसैत कौआ
ऐंठ बासन देखि दौगल
अन्न लै तरसैत कौआ
भोज आँगन भाग जागै
पात पर लुधकैत कौआ
सूपमे खुद्दी पसारल
दाय छथि उड़बैत कौआ
देखि सूतल दाय के पुनि
सूप दिस ससरैत कौआ
"नवल" कागक अजब लीला
लोक के नचबैत कौआ
*बहरे रमल/मात्रा क्रम-२१२२+२१२२
तिथि-२०.०१.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"
बाल गजल-२३
चार पर कुचरैत कौआ
सभ सनेशा दैत कौआ
टाट पर बैसल त' कखनो
मेघमे उमकैत कौआ
ताकि गोपी लोल मारै
गाछ पर फुद्कैत कौआ
काग दस टा मूस एगो
ताहि लै झगड़ैत कौआ
छीन हाथक सभ जिलेबी
उड़ल पुनि बहसैत कौआ
ऐंठ बासन देखि दौगल
अन्न लै तरसैत कौआ
भोज आँगन भाग जागै
पात पर लुधकैत कौआ
सूपमे खुद्दी पसारल
दाय छथि उड़बैत कौआ
देखि सूतल दाय के पुनि
सूप दिस ससरैत कौआ
"नवल" कागक अजब लीला
लोक के नचबैत कौआ
*बहरे रमल/मात्रा क्रम-२१२२+२१२२
तिथि-२०.०१.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"
चार पर कुचरैत कौआ
सभ सनेशा दैत कौआ
टाट पर बैसल त' कखनो
मेघमे उमकैत कौआ
ताकि गोपी लोल मारै
गाछ पर फुद्कैत कौआ
काग दस टा मूस एगो
ताहि लै झगड़ैत कौआ
छीन हाथक सभ जिलेबी
उड़ल पुनि बहसैत कौआ
ऐंठ बासन देखि दौगल
अन्न लै तरसैत कौआ
भोज आँगन भाग जागै
पात पर लुधकैत कौआ
सूपमे खुद्दी पसारल
दाय छथि उड़बैत कौआ
देखि सूतल दाय के पुनि
सूप दिस ससरैत कौआ
"नवल" कागक अजब लीला
लोक के नचबैत कौआ
*बहरे रमल/मात्रा क्रम-२१२२+२१२२
तिथि-२०.०१.२०१३)
©पंकज चौधरी "नवलश्री"
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