सोमवार, 14 जनवरी 2013

बाल गजल

बाल गजल-87

हमर भैया तँ अलबेला
सदिखने खाइ छथि केला

हमर हिस्सा हुनक आगू
मधुर मक्खनक सब ढेला

उमरि छै चारि हम दसकेँ
मुदा हमहीं हुनक चेला

सुनब दीदी हुनक मूँहें
जखन कखनो चलब मेला

हमर सब कलम चोरेलथि
लिखै छथि चढ़ि कऽ ओ ठेला

करथि झगड़ा मुदा प्रियगर
बहिन भाएक छै खेला

मफाईलुन
1222 दू बेर सब पाँतिमे
बहरे-हजज

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों