सोमवार, 14 जनवरी 2013

रुबाइ

रुबाइ-152

एकर हार लिखल छै भोथ कपारमे
नै बूझै फरक साधु चोर चुहारमे
गलत प्रयोग करै छै अपन अधिकारक
तेँ भूखल रहि जाइ रिलिफक पथारमे

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों