गुरुवार, 31 जनवरी 2013

गजल

गजल-1.26

गपमे आब ओजन कहाँ
सत्यक बचल राशन कहाँ

एखन मैथिलो बड लड़ै
शोणित मधुर एहन कहाँ

प्लास्टर तऽर नुकाएल भू
गाछक बचल जीवन कहाँ

दैवक रूप* राक्षस लगै
पाहुन लेल भोजन कहाँ

मुस्की हुनक जगबै जलन
हमहूँ हँसब से क्षण कहाँ

आँगन सजल कालीन छै
हाथक बनल अरिपन कहाँ

*दैवक रूप=अतिथी/पाहुन

मफऊलात-मुस्तफइलुन
2221-2212
बहरे-मुक्तजिब

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों