गजल-1.26
गपमे आब ओजन कहाँ
सत्यक बचल राशन कहाँ
एखन मैथिलो बड लड़ै
शोणित मधुर एहन कहाँ
प्लास्टर तऽर नुकाएल भू
गाछक बचल जीवन कहाँ
दैवक रूप* राक्षस लगै
पाहुन लेल भोजन कहाँ
मुस्की हुनक जगबै जलन
हमहूँ हँसब से क्षण कहाँ
आँगन सजल कालीन छै
हाथक बनल अरिपन कहाँ
*दैवक रूप=अतिथी/पाहुन
मफऊलात-मुस्तफइलुन
2221-2212
बहरे-मुक्तजिब
अमित मिश्र
गपमे आब ओजन कहाँ
सत्यक बचल राशन कहाँ
एखन मैथिलो बड लड़ै
शोणित मधुर एहन कहाँ
प्लास्टर तऽर नुकाएल भू
गाछक बचल जीवन कहाँ
दैवक रूप* राक्षस लगै
पाहुन लेल भोजन कहाँ
मुस्की हुनक जगबै जलन
हमहूँ हँसब से क्षण कहाँ
आँगन सजल कालीन छै
हाथक बनल अरिपन कहाँ
*दैवक रूप=अतिथी/पाहुन
मफऊलात-मुस्तफइलुन
2221-2212
बहरे-मुक्तजिब
अमित मिश्र
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