बाल गजल-78
लाल कक्काकेँ लाल घर
गाढ़ लालै छै बाल घर
गोइठा साटल गाछपर
टाल छै गोबर माल घर
आब नै होस्टलमे रहब
बनल बिनु माँकेँ काल घर
पैघ छै राजाकेँ महल
घर बहुत लागै जाल घर
सब तँ हमरा बानर कहै
चढ़ब कोठी देबाल घर
नीक निकुते खेतै "अमित"
आइ एलै नव साल घर
फाइलातुन-मुस्तफइलुन
2122-2212
अमित मिश्र
लाल कक्काकेँ लाल घर
गाढ़ लालै छै बाल घर
गोइठा साटल गाछपर
टाल छै गोबर माल घर
आब नै होस्टलमे रहब
बनल बिनु माँकेँ काल घर
पैघ छै राजाकेँ महल
घर बहुत लागै जाल घर
सब तँ हमरा बानर कहै
चढ़ब कोठी देबाल घर
नीक निकुते खेतै "अमित"
आइ एलै नव साल घर
फाइलातुन-मुस्तफइलुन
2122-2212
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें