रुबाइ-154
ओ प्रेम करै छथि बहुत मुदा चुप चाप
हमहूँ बुझैत छी सब किछु अपने आप
कतबो अहाँ भागब मुदा भागि नै सकब
आखिर कहाँ छूटै छैक रंगक छाप
ओ प्रेम करै छथि बहुत मुदा चुप चाप
हमहूँ बुझैत छी सब किछु अपने आप
कतबो अहाँ भागब मुदा भागि नै सकब
आखिर कहाँ छूटै छैक रंगक छाप
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