सोमवार, 14 जनवरी 2013

रुबाइ

रुबाइ-154

ओ प्रेम करै छथि बहुत मुदा चुप चाप
हमहूँ बुझैत छी सब किछु अपने आप
कतबो अहाँ भागब मुदा भागि नै सकब
आखिर कहाँ छूटै छैक रंगक छाप

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों