गजल-४४
सगतरि बखान मिथिला के
महिमा महान मिथिला के
अपने सपूत मिलि केलक
सभ नोकसान मिथिला के
सभ लूझि-नोचि खा रहलै
केलक जियान मिथिला के
आगू बढ़ू युवा मैथिल
थामू कमान मिथिला के
प्रगतिक कलम लिअ' लिखू
नवका विधान मिथिला के
संकल्प लिअ' "नवल" सभ मिलि
राखब धियान मिथिला के
वर्ण क्रम: २२१२+१२२२
(तिथि: १२.१२.२०१२)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
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