सोमवार, 14 जनवरी 2013

बाल गजल

बाल गजल-93

किछु तँ नै बाबूसँ कहिहें हमर किरिया
मोनमे सब राज रखिहें हमर किरिया

राति भरिमे लेब भरि हम अपन कोपी
काल्हि धरि नै बात करिहें हमर किरिया

छोड़ि नै चलिहें जँ हेतै अपन झगड़ा
मीत सदिखन संग रहिहेँ हमर किरिया

हम तँ राखी भेज देबै रहब जतऽ तूँ
भाइ तूँ सब साल अबिहें हमर किरिया

रातिमे अन्हारमे बड डरब हम तेँ
खेत धरि माँ संग चलिहें हमर किरिया

नीक बनि देखाएब हम ई भरल पथपर
शारदे माँ ज्ञान बटिहें हमर किरिया

फाइलातुन
2122तीन बेर
बहरे-रमल

वा
फाइलातुन-फाइलातुन-मफाईलुन
2122-2122-1222
बहरे-कलीब

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों