गुरुवार, 31 जनवरी 2013

बाल गजल

बाल गजल-96

लहरि सागरक गाबै छै
गीत कल कल सुनाबै छै

पानि सदिखन मचोरै ओ
ढेह जे बनि कऽ आबै छै

कात आनै कते दूरसँ
शीप मोती बहाबै छै

सूर्यकें जतऽ डुबाबै ओ
चान ओतै उगाबै छै

ई तँ कखनो रुकै नै छै
बढ़ब आगू सिखाबै छै

पानिमे जे लवण घोरल
नीक भोजन बनाबै छै

मान छै ई तँ उपकारी
अपन नदिकेँ बनाबै छै

फाइलातुन-मफाईलुन
2122-1222





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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों