बाल गजल-83
उपहार लेने तँ आबै पावनि कते
हँसनाइ सदिखन सिखाबै पावनि कते
टिकरी बनै आ बनै पेड़ा परिकिया
तेँ लेर सबहक चुआबै पावनि कते
फूटै कतौ फट्टका आ अरिपन बनै
घरमे बगैचा सजाबै पावनि कते
सब लोक आबैछ पावनिमे घर अपन
बिछुरल अपनकेँ मिलाबै पावनि कते
नव रंगमे सजल आँगन लागै "अमित"
नेनाक छुट्टी बनाबै पावनि कते
मुस्तफइलुन-फाइलातुन-मुस्तफइलुन
2212-2122-2212
बहरे-सगीर
अमित मिश्र
उपहार लेने तँ आबै पावनि कते
हँसनाइ सदिखन सिखाबै पावनि कते
टिकरी बनै आ बनै पेड़ा परिकिया
तेँ लेर सबहक चुआबै पावनि कते
फूटै कतौ फट्टका आ अरिपन बनै
घरमे बगैचा सजाबै पावनि कते
सब लोक आबैछ पावनिमे घर अपन
बिछुरल अपनकेँ मिलाबै पावनि कते
नव रंगमे सजल आँगन लागै "अमित"
नेनाक छुट्टी बनाबै पावनि कते
मुस्तफइलुन-फाइलातुन-मुस्तफइलुन
2212-2122-2212
बहरे-सगीर
अमित मिश्र
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