गुरुवार, 31 जनवरी 2013

बाल गजल

बाल गजल-97

माइ गै नोर तोहर खसै छौ किए
राति भरि नीन भागल रहै छौ किए

चुल्हि नै भेल दिनमे गरम कह किए
ठोरपर फूफड़ी कह पड़ै छौ किए

मेहनत करब टाका कमाएब हम
आब चिन्तासँ जीवन कटै छौ किए

छींटमे देब साड़ी पियर हार गै
देहपर माइ गुदड़ी सजै छौ किए

आब नै भात माँगब कने मुस्किया
भात कह गाछमे नै फड़ै छौ किए

भीख नै आब ककरोसँ मागब "अमित"
भीखमे गारिकेँ भोग दै छौ किए

फाइलुन
212 चारि बेर सब पाँतिमे
बहरे-मुतदारिक
अमित मिश्र


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों