सोमवार, 14 जनवरी 2013

रुबाइ

रुबाइ-136

विद्रोहक आगि जड़िते रहै घी ढारू
आशक लावा बनैत रहै बालु जाड़ू
सुनगत जा धरि करेज ता धरि जीबित छी
तेँ बेसी मृदु बनि अपनाकेँ नै मारू

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों