हमरा सूचित करैत इ परम हर्खक अनुभव भए रहल अछि जे अनचिन्हार आखर द्वारा प्रस्तुत गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक ( बाल गजलक लेल )बर्ख 2012 लेल विदुषी इरा मल्लिक जीक मास दिसम्बरमे प्रकाशित हुनक बाल गजलकेँ देल जा रहल अछि। हुनका बधाइ। एहि सालक मुख्यचयनकर्ता छलीह विदुषी प्री ति ठाकुर । हुनका धन्यवाद।
प्रस्तुत अछि विदुषी प्रीति ठाकुर जीक टिप्पणी जे की हमरा मेलपर पठाएल गेल अछि।
"ऐ गजलमे बाबी आ बच्चा सभक प्यार-दुलारक विवरण प्रभावित करैत अछि, बाल साहित्यमे शिक्षा देलाक आग्रह नै रहबाक चाही बाल सुलभ आनन्दक/ आश्यर्चक भाव रहबाक चाही, ओकर मोनकेँ पढ़बाक भाव/ सामर्थ्य रहबाक चाही, दुनियाँक चिन्ता-फिकिर नै उल्लास रहबाक चाही। आ ई सभ गुण इराजीक ऐ बाल गजलमे छन्हि। आ तेँ ई हमरा दृष्टिमे ऐ बर्खक सर्वश्रेष्ठ बाल गजल अछि। ऐकेँ आलावे द्वितीय स्थानमे रुबी झा आ तृतीयमे पंकज नवलश्रीक गजल नीक लागल।"
- प्रीति ठाकुर
अप्रैलमे पहिल चरण लेल पंकज चौधरी नवल श्री जीक चुनाव भेल छल। असावधानी वश हुनक नाम छूटि गेल अछि।
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