हमरा सूचित करैत इ परम हर्खक अनुभव भए रहल अछि जे अनचिन्हार आखर द्वारा प्रस्तुत "गजल कमला-कोसी-बागमती-महानंदा सम्मान" बर्ख 2012 लेल ओस्ताद पंकज चौधरी ( नवल श्री ) जीक मास दिसम्बरमे प्रकाशित हुनक गजलकेँ देल जा रहल अछि। हुनका बधाइ। एहि सालक मुख्यचयनकर्ता छलाह ओस्ताद जगदीशचंद्र ठाकुर "अनिल"। हुनका धन्यवाद।
प्रस्तुत अछि ओस्ताद जगदीशचंद्र ठाकुर "अनिल" जीक टिप्पणी जे की हमरा मेलपर पठाएल गेल अछि।
पटना,
02.01.13
मैथिलीमे गजल लेखन तँ बहुत पहिनेसँ भ' रहल अछि मुदा गजल हेतु एकटा विशिष्ट मंचक अभाव छल। गजल-लेखनकें सशक्त, स्वस्थ, आकर्षक आ लोकप्रिय बनयबाक लेल वर्ष 2008 सँ "अनचिन्हार आखर" द्वारा एकटा विशिष्ट मंच प्रदान करैत एहि दिशामे महत्वपूर्ण काज कएल गेल अछि। एहि लेल श्री आशीष अनचिन्हारजी धन्यवादक पात्र छथि । ओ एखनधरि प्रकाशित गजलक पोथी आ गजलकार सभसँ लोककें परिचय करौलनि आ गजल लेखन हेतु नव-नव लोककें सेहो प्रोत्साहित केलनि आ एहि लेल नव-नव आयोजन सेहो करैत आबि रहल छथि जेना परिचर्चा ,आन-लाइन मोशायरा, बाल गजल, गजल दिवस, कमला-कोसी-बागमती-महानंदा सम्मान आदि। हुनक प्रयाससँ गजलकारक संख्यामे दिनानुदिन वृद्धि भ रहल अछि आ बहुत संख्यामे गजल लीखल जा रहल अछि । गजेन्द्र जी द्वारा मैथिलीमे गजलक व्याकरण प्रस्तुत कए गजल-लेखनक लेल उपयुक्त दिशा-निर्देश उपलब्ध करा क' उल्लेखनीय योगदान कैल गेल अछि ।गजलक ऐ अभियान एकटा यज्ञ थिक, उत्सव थिक । एहिमे जतेक गोटे भाग लेलनि सभ जीतल छथि, सभ प्रशंसाक पात्र छथि । मैथिलीमे गजलक भंडार भरबामे सबहक योगदान महत्वपूर्ण अछि ।गजल- लेखन मँगैत अछि अभ्यास । आनो-आनो गजलकारक रचना पढबाक -सुनबाक अभ्यास, चिन्तन-मननक अभ्यास । अभ्यास अनैत अछि रचनामे धार, रचनामे माधुर्य आ आकर्षण, रचनामे व्याकरण आ भावक संतुलन।गजल कमला-कोसी-बागमती-महानंदा सम्मान वर्ष 2012 के अन्तर्गत अनचिन्हार आखर पर 1273 रचना प्रकाशित भेल । प्रत्येक मास एकटा रचना चुनल गेल। 12 मासक 12 टा चूनल-बीछल रचना कें बेर- बेर पढलहुँ ।व्याकरणक दृष्टिटसँ अधिकांश गजल ठीक लागल ।व्याकरण आ भावक दृष्टिटसँ अमित मिश्रजी, जगदानन्द झा ‘मनु’जी, ओम प्रकाशजी, मुन्नाजी आ पंकज चौधरी "नवलश्री" जीक गजल नीक लागल । श्री प्रभात राय भट्ट,चन्दन झा,अनिलजी, राजीव रंजन मिश्र, कुन्दन कुमार कर्ण आ बाल मुकुन्द पाठकजी सँ और अधिक सुन्दर रचनाक अपेक्षा करैत छी । व्याकरण आ भावक अधिकतम संतुलनकें ध्यानमे रखैत दिसंबर 2012 मे प्रकाशित पंकज चौधरी "नवलश्री" जीक गजलकें पहिल स्थान पर राखल जा रहल अछि । एहि हेतु चौधरीजीकें बधाइ दैत छियनि आ एहि उत्सवमे भाग लेबवला सभ गोटेकें धन्यवाद दैत अनुरोध करैत छियनि जे परिणामक बिना चिन्ता कएने मैथिली साहित्यमे गजलक भण्डारकें भरबाले अपन-अपन योगदान निरन्तर दैत रहथि ।
उत्साह केर, उल्लास केर, उत्कर्ष केर
बिलहैत छी षुभकामना नव वर्ष केर ।
----------------जगदीश चन्द्र ठाकुर 'अनिल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें